हर समाज के अपन सांस्कृतिक विरासत होथे । ऐला जीये मा अपने अलग मजा होथे । इही विरासत मा हमर देश के प्रमुख तिहार हे होली । ये होली ला हमर छत्तीसगढ़ मा होरी कहे जाथे । अइसे तो छत्तीसगढ़ के हर परब मा हमर लोकगीत हा परब मा चार चांद लगा देथे फेर होरी के फाग गीत के बाते अलग हे । होरी तिहार के फाग मा झुमरत नाचत संगी मन ला देख के अइसे लगते होरी हा गीत अउ उमंग के तिहार आय । छत्तीसगढ़ मा ये तिहार प्रमुख रूप ले दू ढंग ले मनाय जाथे पहिली मैदानी इलका...
गुरुवार, 17 मार्च 2016
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मुक्तक की परिभाषा- ‘अग्निपुराण’ में मुक्तक को परिभाषित करते हुए कहा गया किः ”मुक्तकं श्लोक एवैकश्चमत्कारक्षमः सताम्” अर्थात चमत्कार की क्ष...
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मात्रा गणना का सामान्य नियम - क्रमांक १ - सभी व्यंजन ( बिना स्वर के ) एक मात्रिक होते हैं जैसे - क , ख , ग , घ , च ...
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शमि गणेश मंदिर नवागढ गांव नवागढ़ मोर हे, छत्तीसगढ़ म एक । नरवरगढ़ के नाव ले, मिले इतिहास देख ।। मिले इतिहास देख, गोड़वाना के चिन्हा । ...
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‘‘साहित्य में क्षेत्रीय बोलियों का योगदान‘‘ -रमेशकुमार सिंह चैहान आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार -‘साहित्य ज...
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‘‘गांव होवय के देश सबो के आय‘‘ मनखे जनम जात एक ठन सामाजिक प्राणी आवय । ऐखर गुजारा चार झन के बीचे मा हो सकथे । अकेल्ला मा दूये परकार के ...
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बहर मात्राओं के क्रम को ही बहर कहा जाता है । जिस प्रकार हिन्दी में गण होता है उसी प्रकार उर्दू में रू...