राउत नाचा अउ ओखर
दोहा मा पर्यावरण
-रमेशकुमार सिंह चौहान
राउत नाचा हमर छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक धरोवर आवय । हालाकि राउत नाचा एक जाति विशेष के द्वारा प्रस्तुत करे जाथे फेर ऐमा जम्मो छत्तीसगढि़या मन के दया मया अउ संस्कृति हा भरे हवय । काबर के छत्तीसगढ़ शुरू ले खेती खार मा आश्रित रहे हे, खेतीखार बर गउ वंश गाय बइला हा बासी मा नून अउ खीर मा शक्कर कस जरूरी रहिस । ऐही सेती जम्मो मनखे अपन-अपन सामर्थ्य के अनुसार गाय गुरूवा पालत पोसत आवत हे । समाज...
रविवार, 15 नवंबर 2015
शुक्रवार, 6 नवंबर 2015
हमर लोकगीत-ददरिया
नवंबर 06, 2015
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ददरिया
हमर छत्तीसगढ़ प्राकृतिक छटा ले जतका भरे-पूरे हे ओतके अपन लोकगीत ले घला अटे परे हे हर उत्सव के गीत हे इहां जन्म के बेरा सोहर, बिहाव के बेरा भड़ौनी अउ बिदाई गीत । भोजली, सेवा, बांसगीत, करमा गीत ददरिया गीत अउ ना जाने का का ! ददरिया गीत आखिर कोन छत्तीसगढि़या नई सुने हे । ददरिया ला हमर छत्तीसगढ़ के गीत मन के रानी घला कहे जाथे । ददरिया सुने पढ़े मा घाते मजा आथे । ददरिया मूल रूप ले गोड़ी गीत आवय अउ अपन मीठास ले पूरा...
छंद सीखव जी-4
नवंबर 06, 2015
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पाछू पाठ मा मात्रा गिने के तरीका छंद के प्रकार मा चर्चा करेन । अब अपन चर्चा ला कोनो छंद विशेष मा केंद्रित करथन । सबले प्रचलित छंद ‘दोहा‘ हे । दोहा के बारे मा चर्चा करे के पहिली कुछ दोहा ला ध्यान से देखथन -
श्री गुरू चरन सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि ।बरनउ रघुबर विमल जस, जो दायक फल चारि ।।-संत तुलसी दासजीआवत गारी एक है, उलटत होत अनेक ।कह कबीर नहिं उलटिए, वही एक के एक ।।- संत कबीर दासजीमुहमद बाजी पैम के, ज्यौं भावै त्यों खेल ।।तिल फूलहिं के संग...
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‘‘गांव होवय के देश सबो के आय‘‘ मनखे जनम जात एक ठन सामाजिक प्राणी आवय । ऐखर गुजारा चार झन के बीचे मा हो सकथे । अकेल्ला मा दूये परकार के ...
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