बदलते हुये जीवन के लिये लक्ष्य का निर्धारण कैसे करें और उसे कैसे प्राप्त करें
How to set Goal and achieve them for changing lief
दोस्तों, जीवन में तो हर कोई Success होना चाहता है किन्तु सभी Success नही हो पाते । जीवन में सफलता प्राप्त करना एक art होने के साथ-साथ एक well planed process भी है । यदि हमको जीवन में Success होना है तो इस process को समझना होगा और follow भी करना होगा । दोस्तों आज हम इसी topic पर चर्चा करेंगे ।
दोस्तों जीवन में सफल होने के लिये सबसे पहले हमें अपने लिये एक लक्ष्य , एक Goal तय करना पड़ेगा फिर उस Goal को achieve करने के लिये एक plane बनाना होगा और उस plane को अच्छे से follow करना पड़ेगा । इसी process को art of life की तरह present करना होगा ।
सबसे पहले देखते हैं कि लक्ष्य का निर्धारण कैसे किया जाता है How to set Goal वास्तव में किसी Goal को achieve करना जितना कठीन होता है उससे कम कठीन Goal set करना नहीं होता । जैसे एक Shooter को Shoot करने से पहले और कहीं उससे ज्यादा Target को Focus करने में मेहनत करना पड़ता है । ठीक उसी प्रकार जब हमें Success होना है तो अपने लिये एक Target , एक Goal set करना आवश्यक होगा । यदि आपको कहीं जाना हो तो सबसे पहले तो उस स्थान को find out करेंगे जहां हमें जाना है फिर वहां जाने के रास्ते तलाश करेंगे जब हम पूरी तरह से sure हो जायेंगे तभी चलना प्रारंभ करेंगे । यही Condition Success होने का भी है ।
जीवन के हर मोड़ में Goal अलग प्रकार से हो सकता है । जैसे एक student के लिये परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करना Goal हो सकता है तो Competitive contestant में winer होना Goal होता है । एक पेशेवर व्यक्ति को अपने पेशे शिखर पर, pick पर पहुँचना ही Goal होता है । सबसे पहले impartent factor तो यही होगा कि हम Goal को समझें । for a example यदि आपको किसी Theater में film देखनी है तो Theater पहुँचना Goal होगा कि time पर Theater पहुँचना Goal होगा । यदि आप पूरी film का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो time पर Theater पहुँचना Goal set करना होगा । इस प्रकार सबसे पहले तो अपने Goal को पहचानना पड़ेगा । अपने Goal को पहचान कर लेने पर ही हम अपने लिये Goal set कर सकते हैं ।
अब प्रश्न उठता है अपने लक्ष्य का अपने Goal का पहचान कैसे करें ? जिस विषय में आप सोते जागते सोचते रहते हैं जिसे हर समय पाने के लिये मन में टिस पैदा होता है, वही विषय आपको अपने Goal पहचान करा सकता है । यदि आप सचमुच उस Undefined Goal को define करना चाहते है तो आपको अपने उस उत्कंठा या attechment को relasie करना पड़ेगा जिसके बारे में सोते-जागते सोचते रहते हैं ।
आपका लक्ष्य समय के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं तो एक ही समय पर एक से अधिक लक्ष्य भी हो सकते हैं । ये Goal Short term या long term के हो सकते हैं । लेकिन ये सभी Goal एक दूसरे के पूरक होते हैं । जैसे कि यदि कोई Business में अपना Carrier बनाना चाहता है तो Business open करना Short term Goal होगा और Business को Successfully run करना long term Goal होगा किन्तु Business open किये बिना Successfully run करना possible इसी प्रकार यदि Successfully run नहीं करना है तो Business open करने का क्या लाभ ? इस प्रकार ये दोनों Goal एक दूसरे के पूरक हैं, एक दूसरे के Supplement हैं ।
Goal set कर लेने के बाद यह समझना होगा कि उस Goal को achieve कैसे करें ? जिस प्रकार किसी स्थान में जानने के लिये उस स्थान के पहचान के बाद वहॉं पहुँचने के लिये roadmap चाहिये फिर एक माध्यम चाहिये उसी प्रकार Goal set कर लेने के बाद उस Goal तक पहुँचन के लिये एक roadmap की जरूरत पड़ती है । जिस प्रकार कहीं जाने के हम किसी जानकर रास्ता पूछते हैं उसी प्रकार Goal तक पहुँचन के लिये किसी जानकर मतलब ऐसे व्यक्ति जो अपने Goal को achieve कर लिये हैं उनसे रास्ता जानकर अपने लिये एक एक roadmap बनाना चाहिये ।
roadmap set कर लेने के बाद आवश्यकता उस पर चलने का, उन उपायों पर follow करने का जिससे हम भी अपने Goal को achieve कर सकते हैं । इस roadmap पर चलने का साधन हमारा मन और आत्म विश्वास होता है । जैसे किसी vehicle के माध्यम से travle करते हैं, उसी प्रकार Goal को achieve करने roadmap पर चलने के लिये हमारा मन, हमारा Self-confidence ही एक vehicle या माध्यम है । हमारे समाज में कुछ मुहावरे प्रचलित जैसे -मन चंगा तो कठौती में गंगा', 'मन से जीते जीत है मन से हारे हार' ऐसे भी एक अदना सा व्यक्ति भी सलाह देते समय यह कह देता है कि मन से काम करो । मन ही आत्मविश्वास का आधार है मन का मजबूत होना ही Self-confidence इसी vehicle से हम Goal को achieve कर सकते हैं ।
इसके अतिरिक्त Goal को achieve करने के लिये एक Plan draw करना चाहिये जिसमें time को underline करना चाहिये । क्योंकि समय पर किया गया कार्य का महत्व होता है समय निकल जाने के बाद उसका कोई महत्व नहीं रह पाता । इसलिये timeplane आवश्यक है ।
roadmap set कर लेने के बाद और Plan draw कर लेने के पश्चात उस पर अब चलना आवश्यक होता है । इस समय सबसे बड़ा हथियार धैर्य मतलब Patience होता है । यह तो जानते और मानते हैं सीढ़ी चढ़ते समय पहली सीढ़ी से दूसरी, फिर तीसर और अंतिम पर पहुँचा जा सकता है सीधे-सीधे आखरी सीढ़ी पर नहीं पहुँचा जा सकता और यदि कोई उछल कर पहुँचने का प्रयास करता है तो गिरने की आशंका होती है । इसलिये step by step हमें Patience रखकर move करना होगा ।
यदि इन सारी बातों को pointout किया जाये तो कुछ इस प्रकार कह सकते हैं -
Identify your goal अपने लक्ष्य को पहचाहनये ।
Set your goal अपने लक्ष्य को तय कीजिये ।
Learn from successful people सफल व्यक्तियों से सीखें
understand how to get success सफलता कैसे प्राप्त होता है इसे समझे
make a raodmap and draw a plan एक रास्ता का चयन करें और योजना बनायें
Believe in yourself अपने आप पर विश्वास करें ।
Be patient धैर्य रखे
Move towards the goal निरंतर लक्ष्य की ओर चलें ।